स्वतंत्रता दिवस indipendent day (15 अगस्त 1947 – 15 अगस्त 2020)

इस 15 अगस्त को हमारे देश वासी 74 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा | इस पर हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लाल किले पर सर्वप्रथम तिरंगे झंडे को फहराया जाएगा एवं उनके द्वारा देशवासियों को संबोधित किया जाएगा | हमारे प्यारे देशवासियों को 74वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर हार्दिक बधाई एवं सीमाओं पर लड़ रहे सभी सैनिकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई धन्यवाद|

15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश आजाद हुआ था इस उपलक्ष्य पर स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया जाता है स्वतंत्रता दिवस के दिन हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी

यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं| 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से लाहौरी गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रध्वज फहराया था| इस दिन को झंडा फहराने के समारोह परेड और सांस्कृतिक समारोह के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है इस दिन अपनी पोशाक समान घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर उत्सव मनाते हैं |

महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और समीर सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजन किया जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सपना तारीख हिंसा की 1 घटनाएं हुई विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ था यह संख्या तकरीबन डेढ़ करोड़ थी भारत की जनसंख्या 1951 के अनुसार विभाजन के एकदम 7226000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गया और 72 लाख 49 हजार हिंदू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत है|

भारत के स्वतंत्रता का इतिहास

यूरोपीय व्यापारियों ने 17वीं सदी से ही भारतीय उपमहाद्वीप ऊपर पैर जमाना आरंभ कर दिया था अपने सैन्य शक्ति के बढ़ोतरी करते हुए ईस्ट इंडिया कंपनी ने 18 वीं सदी के अंत तक स्थानीय राज्यों को अपनी वशीभूत करके अपने आप को स्थापित कर लिया था 18 सो 57 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1958 के अनुसार भारत पर सीधा अधिपत्य ब्रितानी ताज अर्थात ब्रिटिश की राजशाही का हो गया 10 को बात नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणाम स्वरूप अट्ठारह सौ पचासी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निर्माण हुआ प्रथम विश्वयुद्ध के बाद का समय ब्रितानी सुधारों के काल के रूप में जाना जाता है लेकिन इसे भी रोलेट एक्ट की तरह दबाने वाले अधिनियम के रूप में देखा जाता है जिसके कारण स्वरूप भारतीय समाज सुधार को द्वारा स्वशासन का आवाहन किया गया इसके परिणाम स्वरूप महात्मा गांधी के नेतृत्व में सहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलन की शुरुआत हो गई

स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में छोटी सी टिप्पणी👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇

> अंग्रेजों के अत्याचारों और अमानवीय व्यवहारों से त्रस्त भारतीय जनता एकजुट हो इससे छुटकारा पाने हेतु कृतसंकल्प हो गई। सुभाषचंद्र बोस, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद ने क्रांति की आग फैलाई और अपने प्राणों की आहुति दी। तत्पश्चात सरदार वल्लभभाई पटेल, गांधीजी, नेहरूजी ने सत्य, अहिंसा और बिना हथियारों की लड़ाई लड़ी। सत्याग्रह आंदोलन किए, लाठियां खाईं, कई बार जेल गए और अंग्रेजों को हमारा देश छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया। इस तरह 15 अगस्त 1947 का दिन हमारे लिए ‘स्वर्णिम दिन’ बना। हम, हमारा देश स्वतंत्र हो गए।

इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है। इस दिन की याद आते ही उन शहीदों के प्रति श्रद्धा से मस्तक अपने आप ही झुक जाता है जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहु‍ति दी। इसलिए हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम हमारे स्वतंत्रता की रक्षा करें। देश का नाम विश्व में रोशन हो, ऐसा कार्य करें। देश की प्रगति के साधक बनें न‍ कि बाधक। घूस, जमाखोरी, कालाबाजारी को देश से समाप्त करें। भारत के नागरिक होने के नाते स्वतंत्रता का न तो स्वयं दुरुपयोग करें और न दूसरों को करने दें। एकता की भावना से रहें और अलगाव, आंतरिक कलह से बचें। हमारे लिए स्वतंत्रता दिवस का बड़ा महत्व है। हमें अच्‍छे कार्य करना है और देश को आगे बढ़ाना है

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