कर्वधा जिले से करीब 20 कि.मी. कि दुरी पर माँ राजोदाई का मंदिर विराजित है माँ राजोदाई का मंदिर 250 वर्ष पुराना मंदिर है माता राजोदाई 52 शक्ति पीठो मे से एक है माता पिंड स्वरूप विराजमान है माता के दर्शन के लिए दुर दुर से लोग आते है |
मंदिर की मान्यता –
मंदिर की यह मान्यता हैं कि माता यहां पर कुमारी के रुप में है तथा यहां पर
महिलाओं को मंदिर के अंदर जाने मे प्रतिबंध है और 10 साल से अधिक वर्ष के
महिला और गर्भवती महिलाओ को मंदिर के अंदर जाने मे प्रतिबंध है और लोगों
कि मान्यता है कि माता का श्रृंगार काला है इस लिए माता के दरबार मे काली चीजें
चढाई जाती है|और महिला इसे समान के रूप में देखती हैं और सुरज पुर की
महिलाएं कभी काली साड़ी नहीं पहनती है और इस नियम को महिलाएं अच्छे से पालन करती है
मां राजोदाई के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं भक्त पूजा अर्चन करके अपनी मनोकामन मानते हैं और माता सभी मां सभी भक्तों की की मनोकामना को पूरा करती है तथा चैत्र नवरात्रि रामनवमी नवरात्रि के समय हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं और सोमवार अब गुरुवार के दिन विशेष प्रकार की पूजा अर्चना की जाती है और भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाने पर भक्त यहां ज्योति कलश की स्थापना भी करते हैं और बकरे की बलि भी दी जाती है
मंदिर जाने का मार्ग यहां सड़क मार्ग और रेलवे मार्ग उपलब्ध है
कवर्धा से 20 किलोमीटर की दूरी पर है माता का मंदिर स्थापित है