रानीदाह जलप्रपात छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित है इस जलप्रपात के समीप प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर और ऐतिहासिक स्थल पंचमैया होने के कारण इसका धार्मिक महत्त्व भी है।और रानिदाह जल प्रपात समुद्र तल से करीब 40 से 50 फीट की उचाई से गिरता है यह जलप्रपात घने जंगलो के बीच में स्थित है | और इस झरने में 12 महीने पानी रहता है और यहाँ पर हर साल लाखो की संख्या में पर्यटक आते है और अपनी मन को शांति करते है और इसकी सुंदरता के लिए अतुलनीय है और यहाँ पर प्रसिद्ध महाकालेश्वर का मंदिर बना हुआ है |
प्रचलित कहानी
1 . एक ओर कहानी प्रचलित है बताया जाता है की उड़ीसा के राजा की पुत्री रानी सिरोमनिया इस झरने में आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके परिवार ने उसके प्रेम को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था जो एक निम्न जाति के परिवार से था। जिससे वह इस झरने में आत्महत्या कर दी थी इस लिए इस जगह को रानी दाह के नाम से जाना जाता है |
2 . सैकड़ो साल पहले जब इस झरने से यहाँ के राजा झरने के एक छोर से दुसरे छोर रस्सी की सहयता से जा रहे थे तब बीच में रस्सी का टूट जाता है जिससे राजा झरने में गिर जाता और उनका देहांत हो जाता है
जलप्रपात कहा पर है ;-
रानिदाह जलप्रपात छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के जशपुर ब्लॉक से करीब 16 कि.मी. दुर धरें गाँव में स्थित है
रानीदाह जलप्रपात जून से फ़रवरी तक चालू रहता है।
जलप्रपात तक जाने का मार्ग :-
1. जशपुर से 12 कि.मी.की दुरी पर रानीदाह जलप्रपात स्थित है |
2. कुंकुरी से 50 कि. मी. की दुरी पर रानीदाह जलप्रपात स्थित है |
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