प्राक ऐतिहासिक काल
मनुष्य के उद्भव का अनुमानित समय 10 से 14 मिलियन ईसवी पूर्व बताया जाता है सबसे पुरानी मनुष्य का जो अवशेष अफ्रीका से प्राप्त हुआ है वह 4.2 मिलियन ईसा पूर्व का है|
प्रागैतिहासिक काल के पूर्ववर्ती युग का मनुष्य आधुनिक मनुष्य की अपेक्षा लंबाई में छोटा था तथा सिर का भारी था उसे मानसिक रूप से प्रबुद्ध मनुष्य की संज्ञा नहीं दी जा सकती|
ईशा से 50000 वर्ष पूर्व होमोसेपियंस का प्रादुर्भाव हुआ जो आधुनिक मनुष्य के संभवत प्रथम पूर्वज थे प्राक ऐतिहासिक मनुष्य पत्थर के खुर्द अरे औजारों का प्रयोग करते थे प्राक इतिहास के उतरवर्ती काल में पत्थर के पॉलिशदार औजारों का प्रयोग किया जाने लगा
प्राक इतिहास काल को तीन भागों में विभाजित किया गया है
पुरापाषाण काल
मध्य पाषाण काल
नवपाषाण काल
पुरापाषाण काल
पुरापाषाण काल का समय 1000000 से 50000 ईसा पूर्व तक निर्धारित किया जाता है इस युग का मनुष्य शिकार पर आधारित था वह खाद्य सामग्रियों की खोज में विभिन्न स्थलों का भ्रमण करता था|
मध्य पाषाण काल
पुरापाषाण काल तथा नवपाषाण काल के संक्रमण काल को मध्य पाषाण काल कहा जाता है|
भारत में मध्य पाषाण काल का समय 50000 ईसा पूर्व से 10,000 ईसा पूर्व के बीच निर्धारित किया जाता है इस समय पत्थरों से निर्मित हजारों पॉलिश दार तथा अधिक परिनिष्ठित थे|
नवपाषाण काल
10,000 ईसा पूर्व से ऐतिहासिक काल तक पाषाण काल को नो प्रसारण काल की संज्ञा दी जाती है|
नवपाषाण काल के लिए नियोलिथिक शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1865 ई में सर जॉन लुबाक ने किया था|
पुरातात्विक मेल्स बुर्केट ने नवपाषाण काल की निम्नलिखित विशेषताएं का विवरण दिया|
पशुओं को पालतू बनाना
कृषि व्यवहार का प्रथम प्रयोग
घीसे तथा पालिश दार पत्थर के औजार
मृदभांडो का निर्माण
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