मध्यकालीन भारत |medieval indian history in hindi

मुस्लिम आक्रमण और दिल्ली सल्तनत की स्थापना

अरब आक्रमण

भारत और अरब के बीच प्राचीन काल में ही व्यापारिक संबंध रहा है सातवीं सदी के पूर्व इनका व्यापार भारत

के पश्चिमी समुद्र तत्वों से होता था|

  • अरबों के भारत आक्रमण के विषय में पर्याप्त सूचना नौवीं शताब्दी के बिलादूरी  कृत पुस्तक फुतूल अल बलदान में मिलती है|
  • तुर्की शासन व्यवस्था जनजातीय संगठन पर आधारित था|
  • अरब पहले मुसलमान आक्रमणकारी थे जिन्होंने भारत पर आक्रमण किया था
  • मकरान को मरू प्रदेश के समतलीय मार्ग से ही वे सिंध में प्रवेश करने में सफल हुए|
  • 1712 ईस्वी में मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर सफल आक्रमण किया सबसे पहले उसने थट्टा के पास स्थित देवल बंदरगाह को अपने अधीन करना चाहा अरबों के विरुद्ध भारतीयों की असफलता का कारण जिन शासक दाहिर का नकारापन था। उसकी अदूरदर्शिता ही सिंध के पतन का कारण बनी।

तुर्क आक्रमण

अरबों के बाद तुर्को ने एक विशाल मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना के लिए भारत पर आक्रमण किया|

तुर्की आक्रमण भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण घटना थी इन आक्रमणों ने अपने व्यापक प्रभाव से सामाजिक

राजनीतिक आर्थिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय परिवर्तनों को जन्म दिया|

महमूद गजनवी

यामिनी वंश का संस्थापक अल्पतगिन था उसने गजनी को अपनी राजधानी बनाया अलपतगिन का दामाद

सुबुक्तगीन प्रथम तुर्क शासक था जिसे भारत पर आक्रमण किया इसी समय जयपाल ने गजनी पर हमला

किया था|

सुबुक्तगीन की मृत्यु के बाद उसका पुत्र एवं उत्तराधिकारी महमूद गजनी गजनी की गद्दी पर बैठा 998 से

1030 ईसवी|

सुबुक्तगीन की विजयों से उत्साहित होकर महमूद गजनवी ने 1000 से 1027 ईसवी भारत पर 17 बार आक्रमण

किया इसके इस आक्रमण का उल्लेख विद्वान हेनरी इलियट ने किया है|

महमूद का प्रथम महत्वपूर्ण आक्रमण 1001 में हिंदू साहिल शासक जयपाल पर हुआ इस युद्ध में महमूद की

विजय हुई तथा जयपाल पराजित हुआ एवं आत्मदाह कर लिया|

महमूद का दूसरा महत्वपूर्ण आक्रमण मुल्तान पर 1004 से 5 ईसा पूर्व हुआ वहां शिया संप्रदाय करमाथियो का

शासक अब्दुल फतह दाऊद था|

जॉब में महसूद ने प्रत्यक्ष शासन स्थापित करने का निर्णय लिया जिससे दूर स्थित प्रांतों की विजय के लिए

भारत से सैनिकों की आवश्यकता पूरी हो सके उसने भारत में एक सेना गठित की तथा उसकी कमान तिलक

नामक हिंदू के हाथ में सौंपी|

महमूद का सर्वाधिक उल्लेखनीय आक्रमण गुजरात के समुद्र तट पर स्थित सोमनाथ तथा सोमेश्वर के मंदिर

1025 ईस्वी पर था उस समय वहां का शासक भीम प्रथम था इस मंदिर को लूटते हुए महमूद ने ब्राह्मणों समेत लगभग 50000 हिंदुओं का कत्ल कर दिया था भारत का कवि उझारी खुरासानी विद्वान तुसी महान शिक्षक और विद्वान उनसूरी तथा विद्वान अस्जदी महमूद के दरबारी कवि थे 1030 ईस्वी में महमूद की गजनी में मृत्यु हो गई|

महमूद के दरबार में अलबरूनी फिरदौसी उत्बी एवं फारुकी आदि विद्वान थे इसी के दरबार में फिरदोसी ने

सहना मा की रचना की अलबरूनी महमूद के आक्रमण के समय भारत आया जिसकी प्रसिद्ध पुस्तक किताब उल हिंद तत्कालीन इतिहास जानने का महत्वपूर्ण साधन है इसमें भारतीय गणित इतिहास भूगोल खगोल दर्शन आदि की समीक्षा की गई है|

गोरी वंश

12 वीं शताब्दी के मध्य में गोरी वंश का उदय हुआ गोरी साम्राज्य का आधार उत्तर-पश्चिम अफगानिस्तान था

आरा में गोरी गजनी के अधीन और जो वंश प्रधान था उसका नाम था शंसबनी मोहम्मद गोरी यीशु वंश का था|

तराइन के प्रथम युद्ध 1191 ईसवी में पृथ्वीराज चौहान ने गौरी को परास्त किया किंतु पुनः तराइन के दूसरे युद्ध

1996 में मोहम्मद गोरी से पराजित हुआ इस युद्ध के पश्चात पृथ्वीराज चौहान की हत्या कर दी गई

तराइन के युद्ध के पश्चात भारत में तुर्की राज्य की स्थापना हुई तथा 1993 ईशा से दिल्ली भारत गोरे की

राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र थी|

तराइन की दूसरी लड़ाई को भारतीय इतिहास की एक निर्णायक लड़ाई इसलिए माना जाता है क्योंकि उस

समय चौहानों का राज्य मंत्री भारत का प्रमुख राज्य था इसकी हारने उत्तरी भारत में तुर्कों की सत्ता की स्थापना को लगभग तय कर दिया|

1194 ईशा में मोहम्मद गोरी ने कन्नौज के शासक जयचंद पर आक्रमण किया तथा चंदावर की युद्ध में उसे पराजित किया जयचंद की पराजय के उपरांत उसकी हत्या कर दी गई जयचंद को पराजित करने के उपरांत मोहम्मद गोरी अपने विजय प्रदेशों की जिम्मेदारी कुतुबुद्दीन ऐबक हो शॉप पर वापस गजनी चला गया

मोहम्मद गौरी की मुख्य सफलता उसकी उत्तर भारत की विजय थी वास्तव में भारत में तुर्की राज्य की नीव इसी ने डाली

1205 ईसा पूर्व में मोहम्मद गोरी पुनः भारत आया और इस बार उसका मुकाबला खोखरो से हुआ उसने खोखरो को पराजित कर उनका बुरी तरह क़त्ल किया इस विजय के बाद मोहम्मद गोरी जब वापस गजनी जा रहा था तो मार्ग में 13 मार्च 1206 तो उसकी हत्या कर दी गई

1206 ईसा में गोरी की मृत्यु के बाद युवक ने भारत में नए वंश की नींव डाली जिसे गुलाम वंश कहा गया

मोहम्मद गोरी के सिक्कों पर एक और कलमा खुदारा तथा तथा दूसरी और लक्ष्मी की आकृति बनी रहती थी

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