छत्तीसगढ़ प्राकृतिक द्वश्यो से एक संपन्न राज्य है जिसका अपनी प्राकृतिक छटा अपने आप में अनोखा है कहीं पर नदी कहीं पर पर्वत तो कहीं पर राष्ट्रीय उद्यान उपस्थित हैं जो छत्तीसगढ़ में होने वाले महत्वपूर्ण एग्जाम cgpsc , cgvyapam आदि मे पूछे जाते हैं।
1. सात धारा की पुरी जानकारी
10 से 15 फीट की ऊंचाई से नीचे की ओर गिरता है यहाँ इंद्रावती नदी सात धाराओ मे बट जाती है यह बहुत ही खूबसूरत और मनमोहक लगता है और यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के पास बारसुर पर स्थित है यहां पर जलप्रपात कल कल करने की आवाज मन को बहुत ही मोहित करता है | बारसूर को मंदिरो एवम् तलाबो का शहर भी कहा जाता था क्योकि प्राचीन काल मे यहाँ 147 प्राचीन मंदिर एवम् तालाब हुआ करते थे आज के समय मे तालाब सुख गए एवम् मंदिरे छात्तिग्रस्त हो गए है जिसे कारण आप को मंदिर और तालाब दिखाई नही पढ़ते यह धारा 7 धाराओ मे बटी है जो 1- कृष्ण धारा 2- पांडव धारा 3- प्राड धारा 4- बौद्ध धारा 5- कपिल धारा 6- शिव धारा 7- सुचित्र धारा इसलिए इसका नाम सात धारा पड़ा। गोदावरी नदी की सहायक नदी है इंद्रावती नदी।
2. सात धारा जाए तो क्या करे
सात धारा जलप्रपात के आस-पास बड़े-बड़े चट्टान और घने जंगल है और प्रकृति का अदभुत दृश्य यहा पर उपस्थित हैं जिसे देखकर पर्यटक के मन को शांति महसूस होता है और यहां पर हर साल हजारो की संख्या में लोग सप्त धारा जलप्रपात को देखने के लिए आते हैं और यहां पर लोग पिकनिक और मस्ती , फिशिंग ,आदि चीजें करते है।
3.सात धारा देखने के लिए सबसे अच्छा मौसम
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध जलप्रपातों में से एक है इस जलप्रपात में साल भर जल बहता है जलप्रपात को देखने के लिए जुलाई फरवरी माह तक अच्छा होता है बरसात के दिनों मे नदी उफान पर होती ही तो सप्त धारा दिखाई नही पडती।
4. सात धारा तक जाने का मार्ग
जलप्रपात तक जाने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है यहां आप अपनी फैमिली के साथ कार और अन्य साधनों से भी जा सकते हैं |
- दंतेवाड़ा से गीदम
- गीदम से बारसुर
- बारसुर से 8 कि.मी. कि दुरी पर सप्त धारा जलप्रपात स्थित है |
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