नदी जोड़ो परियोजना || River Linking Project

नदी जोड़ो परियोजना || भारत की प्रमुख झीलें

देश के जल संसाधनों के दोहन के उद्देश्य से 1972 में डॉ. के. एल. राव, ने
नदियों को आपस में जोड़ने का विचार गंगा को कावेरी नदी से जोड़ने वाले
प्रस्ताव द्वारा प्रस्तुत किया। उसके बाद, 1977 में कैप्टन दस्तूर ने हिमालय,
मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के चारों तरफ नहर माला बनाना प्रस्तावित किया।
तत्कालीन सिंचाई मन्त्रालय (अब जल संसाधन मन्त्रालय) तथा केन्द्रीय जल
आयोग ने 1980 में जल संसाधन विकास के लिए एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना
बनाई जिसमें क्षेत्रीय असन्तुलन को कम करने तथा उपलब्ध जल संसाधनों के
सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए जल से भरपूर बेसिनों से जल की कमी वाले बेसिनों
में जल का अन्तरबेसिन अन्तरण करने पर जोर दिया गया। इस योजना के दो
घटक थे-हिमालय नदी विकास घटक तथा प्रायद्वीपीय नदी विकास घटका इस
परियोजना की तकनीकी सम्भाव्यता का अध्ययन करने हेतु 1982 में राष्ट्रीय जल
विकास अभिकरण की स्थापना की गई। विभिन्न अध्ययनों के आधार पर प्राधिकरण
ने 30 लिंकों ( 16 प्रायद्वीपीय भारत में तथा 14 हिमालय घटक में) का पता लगाया
है। जहाँ विभिन्न नदियों को जोड़ा जाना है।

भारत की झीलें || lakes of india

  1. विवर्तनिक झीलें वूलर झील (कश्मीर), कुमाऊँ हिमालय की झीलें।
  2. लैगून झीलें चिल्का झील (ओडिशा), पुलीकट झील (तमिलनाडु), कोल्लेरू झील (आन्ध्र प्रदेश) केरल की झीलें।
  1. ज्वालामुखीय झीलें लोनार झील (महाराष्ट्र)।
  2. हिमानी झीलें नैनीताल, भीमताल, राकसताल आदि।
  3. वायुद झीलें साम्भर, डीडवाना, लूनकरनसर, पंचभद्रा (सभी राजस्थान में हैं)।

भारत की प्रमुख झीलें || Major Lakes of India

• वुलर (जम्मू-कश्मीर) झेलम नदी पर बनी गोखुर झील है। इस पर विवर्तनिक क्रिया का भी प्रभाव है। यह भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है। तुलबुल परियोजना इसी पर स्थित है। डल झील कश्मीर की अत्यधिक खूबसूरत झील हैं।

• साम्भर, लूनकरणसर, पंचभद्रा एवं डीडवाना राजस्थान की लवणीय झीलें हैं। इनसे नमक का उत्पादन भी किया जाता है। उदयसागर, पिछौला, जयसमन्दः एवं राजसमन्द राजस्थान की अन्य महत्त्वपूर्ण झीलें हैं।

• उकाई (गुजरात) ताप्ती नदी पर स्थित मानव निर्मित झील है।

• राणाप्रताप सागर व जवाहर सागर (राजस्थान) एवं गाँधी सागर (मध्य प्रदेश) चम्बल नदी पर स्थित झीलें हैं।

• गोविन्द सागर हिमाचल में भाखड़ा के पीछे निर्मित विशाल झील है।

• नागार्जुन सागर (आन्ध्र प्रदेश) कृष्णा नदी पर निजामसागर (आन्ध्र प्रदेश) मंजरा नदी पर एवं तुंगभद्रा (कर्नाटक) तुंगभद्रा नदी पर मानव निर्मित झील है।

• गोविन्द बल्लभ पन्त सागर (छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश) सोन की सहायक नदी रिहन्द पर बनाई गई झील है।

• स्टेनले जलाशय तमिलनाडु में कावेरी नदी पर मेटूर बाँध के पीछे बनीझील है।

• लोकटक झील (मणिपुर) यह पूर्वोत्तर भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है। इस झील में केबुललामजाओ नाम का तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क हैं।

● चिल्का झील (ओडिशा) भारत की सबसे बड़ी लैगून (खारे पानी की) झील है।

• कोल्लेरू झील आन्ध्र प्रदेश के डेल्टाई प्रदेश में बनी बड़ी झील है।

• पुलीकट झील (आन्ध्र प्रदेश) एक लैगून झील है। श्री हरिकोटा द्वीप यहीं पर है जहाँ सतीश धवन उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र है।

.● हुसैन सागर झील हैदराबाद व सिकन्दराबाद के मध्य स्थित है एवं इन दोनों नगरों के बीच यातायात सम्बन्ध स्थापित करता है।

• वेम्बानद झील केरल में स्थित है। इसी झील में वेलिंगटन द्वीप है जहाँ पर राष्ट्रीय नौकायन प्रतियोगिताएँ होती हैं। भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-47A वेलिंगटन द्वीप पर ही है। अष्टमुदी केरल की एक अन्य महत्त्वपूर्ण लैगून झील है।

• लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में एक क्रेटर झील है जो उल्कापिण्ड के गिरने से बनी है।

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