BIG BREAKING:- छत्तीसगढ़ की सभी स्कूल कॉलेजों व आंगनवाड़ी के लिए जारी हुई नोटिस
उच्च शिक्षा विभाग के अजीबो-गरीब आदेश ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को कोरोना से अधिक हलाकान कर रखा है। बाद इसमें तरह-तरह की शर्तों ने असमंजस में डाल दिया है। जनवरी माह में संक्रमण दर को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन परीक्षाएं लेने आदेश दिए थे। इसके अलावा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को बंद रखने तथा ऑनलाइन मोड में ही परीक्षाएं आयोजित करने कहा गया था।
अब कॉलेजों को लेकर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नया आदेश जारी किया गया है। • जिन जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4 प्रतिशत से कम है, वहां ऑफलाइन कक्षाएं प्रारंभ करने कहा गया है। छात्रों की उपस्थिति भी सुनिश्चित करने कहा गया है अर्थात अब छात्रों की कक्षाएं ऑफलाइन होंगी, लेकिन परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में ली जाएगी। वहीं शैक्षणिक व अशैक्षणिक दोनों ही स्टाफ की अब 100 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होगी। इसके पहले 50 प्रतिशत स्टॉफ के साथ ही कामकाज संचालित करने आदेश दिए गए थे।
प्रायोगिक परीक्षाएं भी नहीं
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेज बंद करने के निर्देश के बाद प्रायोगिक परीक्षाएं भी नहीं हो सकी। सैद्धांतिक परीक्षाओं के पूर्व प्रायोगिक परीक्षार आयोजित की जाती रही है, लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं हो सका। विश्वविद्यालयों द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि वे ऑफलाइन मोड में ही प्रायोगिक परीक्षा लेंगे। कक्षाएं ऑफलाइन मोड में शुरू होने के बाद अब प्रायोगिक परीक्षाओं के भी आयोजन की तैयारी
जहां कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4 प्रतिशत से कम, वहां खोले जाएंगे कॉलेज
अधिक संक्रमण वाले जिलों के लिए अलग नियम
जिन जिलों में कोरोना संक्रमण दर 4 प्रतिशत ज्यादा है, वहां के महाविद्यालयों को स्कूलों और आंगनबाड़ी के लिए जारी निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही का पालन करने कहा गया है अर्थात इन जिलो स्थानीय अलग खबर प्रशासन द्वारा स्कूल और आंगनबाड़ी खोलने के लिए। जो गाइडलाइन जारी की गई है, उन गाइडलाइन के अनुसार महाविद्यालय भी खोले जा सकेंगे। इसके अलावा कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने भी कहा गया है। गौरतलब है कि प.. रविशंकर शुक्ल विवि की सेमेस्टर परीक्षाएं 5 फरवरी से शुरू हो चुकी है। लैंडेड मोड में रविवि ये परीक्षा ले रहा है। तकनीकी विधि सहित प्रदेश के अन्य सभी विधि भी ऑनलाइन ही परीक्षा ले रहे हैं।