छत्तीसगढ़ में 10वीं – 12वीं के सभी छात्र छात्राओं के लिए जारी हुई आदेश

छत्तीसगढ़ में 10वीं – 12वीं के सभी छात्र छात्राओं के लिए जारी हुई आदेश

<10वीं-12वीं की कक्षाएं रोज लगायो जाएंगी। रविवार के दिन भी छुट्टी नहीं रहेगी। आम दिनों की तरह निर्धारित समय पर स्कूल खुलेंगे 2 मार्च से 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। बचे हुए 15 दिनों में स्कूल में परीक्षा की तैयारी करायी जाएगी। ताकि कोरोना की वजह से 38 दिन स्कूल बंद रहने से हुए नुकसान कुछ भरपाई की जा सके। सरकारी के साथ प्राइवेट स्कूल भी अपनी सुविधा के अनुसार संडे को स्कूल लगाकर पढ़ाई करवाएंगे। इसके लिए कई प्राइवेट स्कूल सहमत हैं।

<एक्सट्रा क्लास के दौरान सामान्य बच्चों पर ही नहीं बल्कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर भी फोकस किया जाएगा। इस दौरान परीक्षा में प्रश्नों के जवाब लिखने के तरीके बताए जाएंगे< ये भी बताया जाएगा कि परीक्षा में किस-किस तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं। एक्सट्रा क्लास में एक-एक छात्र से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा जाएगा। जानकारी ली जाएगी कि उन्हें किस विषय में दिक्कत आ रही है। उनकी समस्या के हिसाब से भी स्कूल का टाइम टेबल सेट किया जाएगा।

<ऐसे बच्चे जो किसी विषय विशेष में अपनी समस्या बताएंगे, उनकी अलग से क्लास लगायी जाएगी, ताकि वे परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके< इसके लिए भी स्कूल प्रबंधन सहमत है। जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा के अनुसार कोरोना के कारण कई बच्चे पढ़ाई में पिछड़ गए हैं। अब चूंकि संक्रमण दर कम हो चुकी है, इसलिए स्कूल खोलने के साथ ही परीक्षा के लिए बचे हुए दिनों का पूरा पूरा उपयोग करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

<कोशिश यह की जा रही है कि दसवीं-बारहवीं में न सिर्फ छात्रों को अच्छे नंबर प्राप्त करें, बल्कि ज्यादा संख्या में छात्र पास भी हों< सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी सहित जिले और ब्लॉक के कई अफसरों ने 70 से ज्यादा स्कूल के प्राचार्यों की बीपी. पुजारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में बैठक ली। बैठक में आरटीई से प्रवेश, स्वच्छ विद्यालय के लिए पंजीयन समेत अन्य मामलों को लेकर भी चर्चा की गई।

गर्मी की छुट्टियों में भी 1 से 30 अप्रैल तक खोलेंगे स्कूल

<परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अब साल 1 से 30 अप्रैल के बीच भी कक्षा पहली से 12वीं तक सभी क्लासेस लगाने की तैयारी है। मौसम के हिसाब से सुबह 7 से से 9 बजे के बीच कक्षाएं लगायी जाएंगी। इस दौरान ज्यादा गर्मी नहीं रहती। ऐसे में बच्चों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा < शिक्षा विभाग के अफसरों का मानना है कि यह बच्चों के लिए बेहतर होगा। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले दो सत्र से स्कूल नियमित रूप से नहीं लग रहे हैं। दूसरी लहर का संक्रमण कम होने के बाद स्कूल खुले जरूर लेकिन जनवरी में तीसरी लहर के कारण फिर 38 दिन बंद रखना पड़ गया है।

<इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं लगी। इससे छात्रों के ज्ञान में वृद्धि हुई लेकिन स्कूल नहीं लगने से कई तरह की कमजोरी भी सामने आई। डीईओ का कहना है कई स्तर पर चर्चा के बाद ये बात सामने आई कि लगातार लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से बच्चों में सीखने की क्षमता में कमी आई है< उनकी लेखन क्षमता बढ़ाने, उनकी भाषायी क्षमता और ज्ञान को बढ़ाने के लिए गर्मी में भी कक्षाएं लगाई जाएगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है। आज की बैठक में प्राचार्यों को भी जानकारी दी गई है। प्राचार्य भी इसके लिए सहमत हैं।

100 दिन का प्लान मांगा

शिक्षा विभाग के अफसरों ने रायपुर के सभी स्कूल के प्राचार्यों से कहा कि कक्षा पहली से आठवों के बच्चों की पढ़ाई और उनकी कमजोरी दूर करने के लिए वे 100 दिनों का प्लान बनाएं< निम्न बिंदु प्लान के साथ उसे किस तरह से क्रियान्वित किया जाएगा, इसका पूरा

1. स्कूल खुल गए हैं अब वे किस तरह की पढ़ाई कराएंगे?

2. बच्चों की कमजोरी दूर करने किन किन बातों का ध्यान रखा जाएगा?

3. नवमीं और ग्यारहवीं की पढ़ाई कैसे करायी जाएगी।

4. छोटे बच्चों के लेखन और पठन की कमजोरी दूर करने क्या करेंगे?

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