माँ बंजारी का मंदिर रायगढ़ जिले का बहुत प्रसिद्ध मंदिर मे से
एक है माता बंजारी का मंदिर सन 1980 में बनाया गया है तथा
मंदिर का नव निर्माण सन 2000 में में किया गया है और यहां की
मंदिरों को बाहर से शैल चित्रों का बहुत ही सुंदर उपयोग किया
गया बहुत सुंदर बनाया गया है मंदिर के अंदर में काँच से
सजाया गया है यहां की खूबसूरती भक्तों को अपनी ओर
आकर्षित करती है यहां पर शैल चित्रों का बहुत ही खुबसूरत प्रयोग किया गया है
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माता के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं माता के मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत ही खूबसूरत होने के कारण यह पर्यटक स्थल माना जाता है तथा नवरात्रि के समय हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और भक्त पूजा- अर्चना करके अपनी मनोकामना को माता से मानते हैं और कहा जाता है कि माता बजारीं सभी भक्तों की मनोकामना को पूरी करती है यहां पर 5000 से अधिक ज्योति कलश जलाया जाता है मंदिर परिसर में 5 से 6 ज्योति कलश कक्ष बनाया गया है भक्तों का मनोकामना पूरी हो जाने पर ज्योति कलश जलाया जाता हैं माता का मंदिर विशेष प्रकार के दिनों में बहुत ही भीड़ होता हैं
बंजारी माता मंदिर रायगढ़ इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर के तालाब को ऐसा बनाया गया है जिस को ऊपर से देखने पर भारत का नक्शा दिखता है,और छत्तीसगढ़ का एक मात्र ऐसा तालाब है।और साथ में ही छत्तीसगढ़ का वि नक्शा है
माँ बंजारी के दरबार मे हनुमान भगवान, शंकर भगवान, राधा कृष्ण भगवान ,लक्ष्मी नारायण देव, सरस्वती माता, माता कालरात्रि ,माता शैलपुत्री ,कामदेव मूर्ति और आदि मंदिर बनाया गया है जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं यहां पर शिवलिंग तथा श्रीराम का भी मूर्ति बनाया गया है
मां बंजारी का मंदिर रायगढ़ जिले से 8 कि.मी. की दुरी पर तराईमाल गाँव में माता का मंदिर विराजित है
मंदिर तक जाने का मार्ग यहां पर सड़क मार्ग एवं रेलवे मार्ग उपलब्ध है
ये मंदिर रायगढ़ से मात्र 20 km दूर है,
धरमजयगढ़ से 58 कि मी की दुरी पर माता बंजारी का मंदिरविराजित है |
कोरबा से 104 कि. मी. की दुरी पर माता बंजारी का मूर्ति विराजित |
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