काली माता का मंदिर छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला का प्रसिद्द मंदिर हैयह मंदिर 400 वर्ष पुराना मंदिरहै
और इस मंदिर का निर्माण कांडरा राजा ने किया था और माता कंकालीन प्रथम शक्तिपीठो में से एक माता है
इस मंदिर को कंकालीन माता के नाम से भी जाना जाता है और ये कांकेर जिला का प्रसिद्द मंदिर है
बताया जाता है की यहाँ पर माँ शांति देवी का कंगन गिरा था जिससे इस जगह का नाम कांकेर रखा गया और जब 14 वी सदी में इस जगह को खोदने पर पांच भगवानो की मूर्ति निकला जिसमे – श्री गणेश ,गौरीमाता , माता कंकाली , और महादेव , कालभौरव की मूर्ति मिली है और इस जगह पर गढिया पहाड़ भी स्थित है और इस जगह की खोदाई एक सोनी परिवार के सपने के करणकिया गया था | और यहाँ पर हजारो की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते है |
माता कंकालिन देवी ( कुलदेवी) के दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ और देश के कोने – कोने से जाते है
और भक्त यहाँ पर नारियल , अगरबती आदि चढ़ते है और अपनी मनोकामना पूरा करते है|
और भक्तो का मनोकामना पूरा हो जाने पर सोने -चांदी के जेवार दान करते है |
मंदिर तक जाने का मार्ग –
- कांकेर से 1.5 कि.मी. की दुरी पर माता कंकालिन मंदिर स्थित है
- भानुप्रतापपुर से 50 कि.मी. की दुरी पर माता का मंदिर विराजित है |
- धमतरी से 85 कि.मी. की दुरी पर माता का मंदिर विराजित है |
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